एक
नन्हे बालक का अपने पिता को पत्र
आदरणीय बाबुजी,
आपकी बहुत याद आ रही है| आप हमे छोडकर चले गये हो, आपकी कमी हमे बहुत सताती है, हर पल मैं
आप को याद करता हूँ, आप मेरे बहुत अच्छे मित्र थे| आप मुझे बहुत प्यार करते थे | मैने और मम्मी ने कभी
सोचा नही था कि आप हमे यूँ छोड कर चले जायेंगे| आप बहादूर थे, पर एक हादसा हुआ और आप हमे छोड कर चले
गये. सब लोग कहते है कि आप वापस नही आएंगे| मैं जो लिख रहा हूँ शायद आपको
अच्छा न लगे| पापा मुझे यह पत्र लिखना
अच्छा नहीं लग रहा है क्योंकि सब अचानक बदल गया है, पापा मुझे माफ करना, आप दुखी होंगे ऐसी बाते लिख रहा
हूँ| आपको पता है हमारा बडा घर था, आपके
जाने के बाद हम उस घर में अभी नहीं रहते है| मम्मी कहती हैं कि बडे घर का किस्त हम नही भर सकते हैं| मेरी स्कूल भी बदल दी गई
हैं| मम्मी बात कर रही थी कि आपकी महिने की तनख्वांह न आने की वजह से घर चलाना मुश्किल हो रहा हैं| आपके जाने के बाद हर महिने चाचा और मामा
थोडे से पैसे दे जाते है,पर मम्मी पैसा लेते वक्त रो पडती है|
अब मम्मी को काम करना पडता है, जो मुझे पसंद
नहीं है| मम्मी बहुत थक जाती हैं| मैं मम्मी को मदद करना चाहता हूँ | पर पापा अभी तो मैं बहुत छोटा हूँ| आप ही कहिए कि मैं क्या करू? पहले हम हर हप्ते कहीं न कही घुमने जाया करते थे. आपके जाने के
बाद हम कही घुमने नही गये है| पप्पा मैं भगवान से पूछना चाहूँगा कि मेरे पापा को क्यो आपने वापस बुला लिया? भगवान से
कहो आपको वापस भेज दे और मुझे ले जाये| हमारे आस-पडोस के लोग कहते हैं कि आपकी गलती
थी, आपको जीवन बीमा के अभिकर्ता मुकेश जोशी अंकल बहुत समझाकर गये थे कि एक अच्छा जीवन बीमा करा लो | पर आप हर बार टालते रहे| आपकी वजह से मैं और मम्मी कहाँ से कहाँ आ गये है | अगर आप वापस आकर
हमारी हालत देखोगे तो आप तुरंत एक जीवन बीमा पॉलिसी करा लोगे|
पप्पा मुझे माफ करना पर मैं बडा होकर जीवन बीमा वाले मुकेश जोशी अंकल को नहीं कहूँगा कि सोचता हूँ या बाद मे बताता हूँ ............मै तुरंत बीमा कर लूँगा|
आपका बेटा
एकदम सही सोच है बेटे की।
ReplyDeleteआज की नई पीढी यही सोचती है मगर उन्हे सही मार्गदर्शन देनेवाला दुर्भाग्य से कोई नही है, यह भी एक कटु सत्य है।