योगक्षेमं वहाम्यहम्
Yogakshemam Vahamyaham
“I
shall ensure the safety and well-being of my devotees” (Actually told by Lord
Sri Krishna about his devotees)
We can interpret it as “we take care
of health, needs . we are responsible for your welfare”.
This slogan conveys the actual
intention of LIC.
जिंदगी
में आए दिन तरह तरह की आशंकाएं बनी रहती हैं। आर्थिक नुकसान से लेकर शारीरिक हानि
यहां तक की मौत तक इनमें शामिल है। इससे निजात मिलनी असंभव है। जीवन है ,
तो जोखिम है। मगर इसे
कम किया जा सकता है, इससे उत्पन्न स्थितियों के नुकसान की भरपाई की जा सकती है। आर्थिक
हानि अथवा अन्य नुकसान की आशंका, खतरा, अनिष्ट के लिए हिन्दी में एक शब्द है जोखिम। जान की जोखिम जैसा मुहावरा भी इससे ही बना है।
योगक्षेमं वहाम्यहम् -कैसी विडम्बना है कि प्राचीनकाल मे योगक्षेम की
बात करने वाला समाज आज किसी भी तरह का जोखिम न उठाने की सलाह देता है।
जोखिम संस्कृत मूल का ही शब्द है जो बना है योगक्षेमं से । भारतीय जीवन बीमा का स्लोगन योगक्षेमं वहाम्यहम् सब ने विज्ञापनों में देखा है। योगक्षेमं शब्द बना है योग+क्षेम से । इसका पहला हिस्सा योग जिसमें मिलना, जुड़ना, संप्रक्त होना अथवा युक्त होना जैसा भाव शामिल हैं। इसमें ही एक अर्थ और जुड़ जाता है प्राप्ति का। कुछ प्राप्त होने में मिलने, जुड़ने , युक्त होने का भाव ही निहित है। दूसरे हिस्से क्षेम का अर्थ है प्रसन्नता, शुभ, सुखी, आराम आदि। हिन्दी में प्रचलित कुशलक्षेम में इसका आए दिन प्रयोग होता है। क्षेम में शामिल शुभ, कल्याण, प्रसन्नता आदि भावों का ही विस्तार है सुरक्षा, बचाव, संरक्षण आदि सो ये तमाम अर्थ भी क्षेम में शामिल हैं। एलआईसी ने अपने स्लोगन में योगक्षेमं शब्द का प्रयोग यूं ही नहीं किया है। इस शब्द का प्राचीनकाल से ही अर्थशास्त्र से रिश्ता रहा है। योग शब्द में शामिल प्राप्ति के भाव का अर्थ हुआ अप्राप्त की प्राप्ति ही योग है और जो प्राप्त हो गया है उसकी रक्षा करना क्षेम कहलाता है. इस तरह योगक्षेमं यानी प्राप्ति और उसकी रक्षा की मंगलकामना।
भारतीय जीवन बीमा निगम ने अपना स्लोगन गीता के नवें अध्याय में आए इस श्लोक से
उठाया है- अनन्याश्चिन्तयन्तो मां ये जना: पर्युपासते । तेषां नित्याभियुक्तानां योगक्षेमं वहाम्यहम्
।।
इसका अर्थ हुआ कि ‘जो निरंतर मेरा चिंतन करते हैं, मुझमे आस्था रखते हैं उनके योगक्षेम मैं वहन करूंगा।’ यानी ईश्वर भी आस्था के निवेश के साथ सुरक्षा और समृद्धि की गारंटी दे रहे हैं। इससे बेहतर स्लोगन तो जीवन बीमा निगम के लिए हो ही नहीं सकता था। सो इस तरह योगक्षेम का अर्थ हुआ सामान की सुरक्षा, संपत्ति की देखभाल, कल्याण, बीमा आदि। योगक्षेमं वहाम्यहम् में कुशलता-सुरक्षा का दायित्व वहन करने की बात कही गई है। । कैसी विडम्बना है कि प्राचीनकाल मे योगक्षेम की बात करने वाला समाज आज किसी भी तरह का जोखिम न उठाने की सलाह देता है।
अशोक सोनकुसले
यदि कोई गलती हो तो क्षमा चाहता हूँ !
Bahut badhia sir.aap ne tu lic ke logo ko pura pura bistaar se samjha dia hi.bahut se agents ko to pata v nahi hoga ke ye slogan holy book Geeta se lea gaya hi..thanks sir
ReplyDeleteGreat sir
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