कोई भी Financial Planning बिना जीवन बीमा पोलिसी के complete नहीं हो सकती. तो यदि आप भी अपनी Financial Planning कर रहे हैं या भविष्य में करेंगे तो Life Insurance के बारे में कुछ महत्त्वपूर्ण बातें जान लेना उचित होगा. ये बातें
मैं आपको अपने experience की basis
पे बता रहा हूँ. मैं 22 सालसे बतौर विकास अधिकारी लाइफ इन्सुरंस कार्पोरशन में काम कर रहा
हू, इसलिए आप इन बातों पे पूरा भरोसा कर सकते हैं.
आज बाज़ार में बीस से ज्यादा Life
Insurance कंपनियां मौजूद हैं. विकल्पों की
कोई कमी नहीं है. कोई भी TV Channel लगाइए कोई न कोई Insurance Company का प्रचार दिख
ही जायेगा. कोई Children Plans बेच रहा है ,तो कोई Pension Plan के लिए लुभा रहा है. ऐसे में यदि आप confuse होते हैं की कौन सा plan लें तो इसमें
आपकी कोई गलती नहीं है.किस आदमी के लिए कौन सा प्लान सही है ये कई बातों पे निर्भर
करता है. जैसे की वो life
की किस stage पे है,
उसकी जिम्मेदारियां क्या-क्या हैं? एक पच्चीस साल के नवयुवक और एक चालीस साल के व्यक्ति की ज़रूरतें
अलग-अलग होंगी और उनके उद्देश्य भी अलग-अलग होंगे. पर कुछ बातें ऐसी हैं जो किसी
भी life insurance policy को लेने में
ध्यान में रखनी चाहिए. आज मैं इस लेटर के माध्यम से ऐसी ही कुछ बातें आपसे share करूँगा:
पहले जानिये कि आपके पास कितने
का Life Insurance होना चाहिए
यहाँ “कितने” से मेरा मतलब Premium से नहीं बल्कि बीमा राशि या Sum Assured से है. ये वो धन है जो
व्यक्ति की मृत्यु पर उसके परिवार वालों को मिलता है.
Thumb Rule says की एक सामान्य
व्यक्ति के पास अपनी सालाना कमाई का 10 – 12 गुना जीवन बीमा होना ही चाहिए. For Example: यदि आपकी सालाना कमाई 5 lakhs है तो आपके पास 50 – 60 लाख का Life Insurance होना चाहिए. इसके पीछे का logic ये है की यदि
व्यक्ति की मृत्यु होती है तो उसके परिवार को एक मुश्त इतना पैसा मिल जाये की यदि
उसे कहीं सुरक्षित जमा करा दिया जाये तो उसका interest व्यक्ति की सालाना कमाई के आस-पास हो और परिवार पे कोई आर्थिक संकट
ना आ सके.
इतने amount का insurance
लेना कोई बड़ी बात नहीं है. आप
चाहें तो किसी अच्छी कंपनी का Term Plan ले सकते हैं. आप
५० लाख का बिमा रु. ९०००/ में ले सकते हो.
यदि आपके पास इस calculation के हिसाब से insurance नहीं है तो आप
सबसे पहले इसकी व्यवस्था करें और उसके बाद ही किसी और तरह के निवेश के बारे में
सोचें. मैंने कई सेठों को सालाना लाखों रुपये प्रीमियम भरते देखा है और अगर उनकी
बीमा राशि कि बात कि जाये तो वो 10 लाख भी नहीं होती. इसे बेवकूफी ही
तो कहेंगे.
कम उम्र में लें जीवन बीमा :
जैसे जैसे उम्र बढती है वैसे-वैसे
उसी बीमा राशि के लिए कम्पनियाँ ज्यादा premium charge करती हैं. तो
बेहतर यही होगा कि आप कम उम्र में ही Life
Insurance ले लें. ये ज़ाहिर सी बात है कि
शुरू में आदमी कि income
कुछ कम होती है इसलिएआप अपने budget के हिसाब से policy लें और जैसे
जैसे income बढे और नयी policy ले के अपना Life
Insurance Cover
बढ़ाएं.
Life Insurance को किसी उद्देश्य से जोड़कर
देखें:
जब किसी policy के साथ आप कोई
उद्देश्य जोड़ देते हैं तो वो एक कागज के टुकड़े से बढ़कर हो जाती है. ऐसे में इस policy के lapse
होने के chances कम हो जाते हैं…आपके पास उसे regularly
चलाने की एक वजह होती
है.उद्देश्य होने से आप बेकार के plans समझने में अपना
और advisor का वक्त भी जाया नहीं करते हैं और सही policy के बारे में ही
discuss करते हैं.
तो ज़रूरी है की आप अपने उद्देश्य
को जानिए और उसके हिसाब से plan को चुनिए. आपका
उद्देश्य अपने retirement के लिए पैसे जुटाने का हो सकता है, बच्चो की higher studies का हो सकता है या कुछ ओर पर अगर आप Tax Saving को अपना उद्देश्य बना रहे हैं तो ये कोई उद्देश्य नहीं हुआ , वो तो बस एक added advantage है Life
Insurance लेने का.
सही policy चुनने के लिए websites का प्रयोग करें :
ऐसी websites पे जाकर आप सभी कंपनियों के plans compare कर सकते हैं और अपने लिए best option चुन सकते हैं. ये काम आप ज़रूर करें क्योंकि कोई भी advisor बस आपको अपने product कि विशेषताएं बताएगा और उसे और
सबसे अच्छा बताने कि कोशिस करेगा पर इन sites पर आपको सब मालोम पड़ जायेगा.
बीमा कंपनी को सही जानकार ही दें
:
Life Insurance का एक principle
होता है , “Principle of Utmost Good Faith”जिसके मुताबिक कंपनी और ग्राहक दोनों को ही एक-दुसरे को सही
जानकारी देनी होती है. For
Example : यदि किसी को diabetes है और वो application form में इस बात को
नहीं बताता है और कुछ ही वर्षों में उसकी मृत्यु diabetes कि वजह से हो जाती है तो उसके परिवार वालों को बीमा राशि
नहीं मिलेगी. इसलिए ज़रुरी है कि आप life insurance company को सही जानकारी
दें. बेहतर होगा कि आप इत्मिनान से बैठकर खुद अपने सामने ही पूरा form भरें या भरवाएं. और उसकी photocopy अपने पास रखें.
लुभाने वायदों पे न जायें :
यदि कोई इस तरह का वादा करता है
कि वो तीन साल में आपके पैसे दुगुने कर देगा तो उससे कभी policy मत लीजिए. IRDA के नियम के हिसाब से कोई ही life
insurance company आपको 10%
से ज्यादा के हिसाब से return नहीं दिखा सकती, यदि कोई आपको भ्रमित कर रहा है तो
सावधान हो जाइये . ये हो सकता है कि कंपनी ने पहले कभी abnormal growth दी हो पर ऐसा हमेशा होगा इस बात कि कोई गारंटी नहीं है.
Free Look Period का लाभ उठायें :
आप policy document प्राप्त करने के 15 दिन के अंदर अपनी policy वापस कर सकते हैं. तो यदि आपने गलती से कोई policy ले ली हो तो भी कोई बात नहीं है आप उसे वापस करके अपने पैसे ले
सकते हैं या फिर उसे किसी और प्लान में convert करा सकते हैं.
Rider ज़रूर लगवाएं :
किसी भी policy के साथ आप कुछ additional coverage या राइडर्स attach करा सकते हैं. For Example :
Accident Death Benefit (ADB), Critical Illness (CI)rider. Rider लगवाने में बहुत कम खर्च आता है . आप एक लाख का ADB rider मात्र सौ रुपये extra देके लगवा सकता
हैं. जिससे किसी दुर्घटना में मृत्यु होने पर नोमिनी को बीमा राशि कि दुगुन राशि
देय होगी. आमतौर पर advisor
इनके बारे में बताते ही नहीं हैं इसलिए ज़रूरी है कि आप इनका ध्यान रखें.
दोस्तों अपने देश में Life Insurance और हेलमेट के बीच में एक समानता है. दोनों ही इस वजह से नहीं लिए
जाते जिसके लिए बने हैं ब्ल्की उसे लेने में कुछ और ही
स्वार्थ होता है. Life Insuranceलिया जाता है Tax Saving के लिए और
हेलमेट लिया जाता है police
के जुर्माने
से बचने के लिए.इन दोनों की असली कीमत भी तभी पता
चलती है जब कोई दुखद घटना घट जाती है. तो यदि आपके पास इन दोनों में से कोई एक भी
न हो तो इनकी असली कीमत पता चलने का इन्तेज़ार मत कीजिये, बस जल्द
से जल्द ले डालिए.
धन्यवाद.
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